धारा-27-एकान्तिक विशेषाधिकार के गृहीता द्वारा उसको देय धनराशियों की वसूली
यथापूर्वोक्त कोई गृहीता,पट्टेदार या अभ्यर्पिती (Grantee , Lessee or Assignee )अपने अधीन किसी व्यक्ति से गृहीता ,पट्टेदार या अभ्यर्पिती के रूप में उसको देय कोई धनराशि इस प्रकार वसूल कल सकता है मानो वह क्षेत्रपति (Landholder)और काश्तकार (Tenant)के सम्बन्ध में तत्समय प्रवृत्त विधि के अधीन वसूल होने योग्य बक़ाया लगान हो :
प्रतिबन्ध यह है कि इस धारा मे दी गई किसी बात से किसी ऐसी गृहीता,पट्टेदार या अभ्यर्पिती के , यथापूर्वोक्त किसी ऐसे व्यक्ति से उसे देय कोई ऐसी धनराशि सिविल वाद के ज़रिये वसूल करने के अधिकार पर प्रभाव न पड़ेगा ।