धारा-74-अपराध का शमन
(1)-कोई आबकारी अधिकारी जो इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा विशेष रूप से सशक्त किया गया हो , किसी ऐसे व्यक्ति से जिसका लाइसेन्स , परमिट या पास धारा 34 के अधीन निरसित या निलम्बित किये जाने योग्य हो या जिसके सम्बन्ध में युक्तियुक्त संदेह हो कि उसने धारा 64 या धारा 68 के अधीन दण्डनीय अपराध किया है , यथास्थिति , ऐसे निरसन या निलम्बन के बदले में या किये गये अपराध के शमन के रूप में पचास हज़ार रूपये से अनधिक धनराशि स्वीकार कर सकता है और ऐसे सभी मामलों में जिनमें इस अधिनियम के अधीन जब्त की जाने योग्य कोई सम्पत्ति अभिगृहीत की गयी हो , उस सम्पत्ति के ( ऐसे अधिकारी द्वारा अनुमानित )मूल्य का भुगतान किये जाने पर उसे छोड़ सकता है ।
धारा-74-(1-क)
राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विशेष रूप से सशक्त कोई अधिकारी , राज्य सरकार के किसी सामान्य या विशेष आदेश के अधीन रहते हुये , अभियोजन संस्थित किये जाने के पूर्व या पश्चात , जहाँ अन्तर्ग्रस्त मादक वस्तु का परिमाण राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त अधिसूचित परिमाण से अधिक न हो , वहाँ धारा -60 की उपधारा (1) के खण्ड (क) और खण्ड (ख) या धारा 63 के अधीन किसी अपराध , का या धारा 60 की उपधारा (3) के अधीन दण्डनीय किसी भी अपराध का , शमन फ़ीस के रूप में ऐसी धनराशि का जिसे वह उचित समझे और जो एक हजार रूपये से कम नहीं होगी और जो पॉंच हजार रूपये तक हो सकती है का भुगतान करने पर , शमन कर सकता है, यदि ऐसा कोई अपराध किसी व्यक्ति द्वारा पहली बार किया गया हो ।
धारा-74-(2)
ऐसे व्यक्ति द्वारा , यथास्थिति , ऐसी धनराशि या ऐसे मूल्य या दोनो का भुगतान कर दिये जाने पर उस व्यक्ति को , यदि अभिरक्षा में हो , निर्मुक्त कर दिया जायेगा और अभिगृहीत समस्त सम्पत्ति छोड़ दी जा सकेगी और ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध किसी दण्ड न्यायालय में कोई कार्यवाही संस्थित नहीं की जायेगी न जारी रखी जायगी । शमन के रूप में ऐसी धनराशि स्वीकार करने को दोषमुक्ति समझा जायगा और किसी भी स्थिति में ऐसे व्यक्ति या सम्पत्ति के विरूद्ध उसी कार्य के अभिदेश में कोई अग्रेतर कार्यवाही नहीं की जायगी ।