धारा-29-वह रीति जिसके अनुसार उत्पाद -शुल्क लगाया जायेगा


धारा-29- वह रीति जिसके अनुसार उत्पाद-शुल्क लगाया जायेगा -
ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए जिन्हें आबकारी आयुक्त भुगतान का समय, स्थान और रीति विनियमित करने के लिये विहित करे , ऐसा उत्पाद-शुल्क निम्नलिखित एक या एकाधिक प्रकार से लगाया जा सकता है जैसा कि राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा निदेश दे---
(क) धारा 12 (1) के अधीन आयात किये गये उत्पाद शुल्कारोप्य पदार्थों की दशा में;
(1) या तो आयात के प्रान्त मे या निर्यात के प्रान्त या राज्य क्षेत्र में भुगतान करके ; या
(2) धारा 18 (घ) के अधीन स्थापित या लाइसेंस प्राप्त भण्डागार से विक्रय के लिये जारी किये जाने पर भुगतान करके ;
(ख) धारा 13 के अधीन निर्यात किये गये उत्पाद शुल्कारोप्य पदार्थों की दशा में या तो निर्यात के प्रान्त में या आयात के प्रान्त या राज्य क्षेत्र में भुगतान करके ;
(ग) परिवहन किये गये उत्पाद शुल्कारोप्य पदार्थों की दशा में--
(1)-उस जिले में भुगतान करके जहॉं से उत्पाद-शुल्कारोप्य पदार्थ का परिवहन किया जाने वाला हो ; या
(2)-धारा 18 (घ) के अधीन स्थापित या लाइसेंस प्राप्त भण्डागार से विक्रय के लिये जारी किये जाने पर भुगतान करके ;
(घ) धारा 17 के अधीन दिये गये किसी लाइसेंस के अन्तर्गत निर्मित मादक भेषजों की दशा में--
(1)-धारा 17(1)(क)-के उपबन्धों के अधीन दिये गये लाइसेन्स के अन्तर्गत निर्मित या धारा 18 (घ) के अधीन स्थापित या लाइसेन्स प्राप्त भण्डागार से जारी किये गये परिमाण पर उपशुल्क भारित करके ;
(2) जहॉं कोई मादक भेषज धारा 17 (1) (ख) और (ग) के उपबन्धों के अधीन दिये गये लाइसेन्स के अन्तर्गत खेती किये गये या संग्रहीत भांग ( कैनाबिस सैटाइवा ) से निर्मित हो तो खेती के प्रति एकड़ पर उप-शुल्क लगा कर या संग्रहीत मात्रा पर उप-शुल्क भारित करके ;
(ड.) धारा 18 के अधीन स्थापित किसी आसवनी में या लाइसेन्स प्राप्त किसी आसवनी, यवासवनी या विनिर्माणशाला से निर्मित स्प्रिट या बियर की दशा में-
(1)-यथास्थिति आसवनी ,यवासवनी या विनिर्माणशाला में उत्पादित या उससे जारी किये गये परिमाण पर उप-शुल्क भारित करके ;
(2)-यथास्थिति प्रयुक्त सामानों के परिमाण अथवा धोवन या वर्ट के छीजन की मात्रा पर आकलित तुल्यांक के ऐसे मापक्रम के अनुसार जिसे राज्य सरकार विहित करे , उप-शुल्क भारित करके ;
प्रतिबन्ध यह है कि यदि भुगतान धारा 18 (घ) के अधीन स्थापित या लाइसेन्स प्राप्त भण्डागार से विक्रय के लिये किसी उत्पाद शुल्कारोप्य पदार्थ के जारी होने पर किया जाये,तो वह उत्पाद शुल्क की उस दर से होगा जो उस पदार्थ पर उस दिनांक को प्रवृत्त हो जबकि वह भण्डागार से जारी किया जाय ।