धारा-70-अपराधों का संज्ञान


(1)-कोई मजिस्ट्रेट जब तक कि --
(क)-उसकी अपनी जानकारी या सन्देह न हो अथवा किसी आबकारी अधिकारी द्वारा परिवाद या रिपोर्ट न की जाय , धारा -60 , धारा-60(क), धारा-62, धारा-63 , धारा-64(क) या धारा- 65 या धारा-69(ख) के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का ; या
(ख)-कलेक्टर या उसके द्वारा सामान्य या विशेष आदेश द्वारा तदर्थ प्राधिकृत किसी आबकारी अधिकारी द्वारा परिवाद या रिपोर्ट न की जाय , धारा-64, धारा-66, धारा-67 या धारा-68 के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का ,
संज्ञान न करेगा ।

(2)- राज्य सरकार की विशेष स्वीकृति के बिना कोई मजिस्ट्रेट धारा 60(क) की उप धारा (क) व (ख) तथा धारा 67 के अधीन किये गये अथवा उसके लिये दुष्प्रेरित किसी अपराध से भिन्न इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का संज्ञान तब तक नहीं लेगा जब तक कि अभियोजन , उस दिनांक, जिस दिनांक को अपराध किया जाना अभिकथित हो , के पश्चात एक वर्ष के भीतर न संस्थित किया जाय ।