देशी बॉटलिंग नियम 3-लाइसेंस की स्वीकृति -
(1) बोतलों में भरने का लाइसेंस प्रपत्र सी०एल०बी०-1 में आबकारी आयुक्त द्वारा निम्न को स्वीकृत किया जा सकता है-
(क) आसवक (डिस्टिलर) को देशी मदिरा की बोतल भराई के लिए;
(ख) पी०डी०-33 लाइसेंस धारण करने वाली ऐसी कम्पनी या इकाई, जिसका न्यूनतम 50 करोड़ रूपये का विनिधान तथा न्यूनतम 40 के०एल० प्रतिदिन की क्षमता हो, को पच्चीस लाख रूपये की बैंक प्रत्याभूति सहित शपथ पत्र द्वारा यह आश्वासन प्रतिबद्धता प्रदान करने पर कि उसे देशी मदिरा की बोतल भराई हेतु सी०एल०बी०-1 लाइसेंस स्वीकृत किये जाने के दिनांक से दो वर्षों के भीतर स्वीकृत क्षमता का 25 रूपया प्रति कि०ली० जमा कर पेय आसवनी अधिष्ठापित करना होगा । यदि उक्त इकाई विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर पेय आसवनी स्थापित करने में विफल रहती है तो पूर्वोक्त बैंक प्रत्याभूति, आबकारी आयुक्त द्वारा राज्य सरकार के पक्ष में समपहृत कर ली जायेगी और बोतल भराई लाइसेंस, आसवनी प्रवर्तित किये जाने तक निलम्बित अवस्था में रहेगा;
(2) प्रपत्र सी०एल०बी०-1 में लाइसेंसधारक बोतल में भरने के अपने विशेषाधिकार को पूर्णतः या उसके
आंशिक भाग को निम्नलिखित को समनुदेशित कर सकता है:
(क) उत्तर प्रदेश राज्य के अन्य आसवक;
(ख) भारत में अन्य राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के किसी आसवक; परन्तु यह कि ऐसा कोई समनुदेशिती इस रूप में किसी अधिकार का तब तक प्रयोग नहीं करेगा जब तक कि सी0एल0बी0-1 लाइसेंस धारक द्वारा दिए गए आवेदन पत्र पर आबकारी आयुक्त द्वारा उसे प्रपत्र सी0एल0बी0-2 में लाइसेंस स्वीकृत न कर दिया गया हो;
(3) किसी आसवक को बोतल में भरने हेतु सी०एल०बी०-2 में लाइसेंस, आबकारी आयुक्त द्वारा निम्नलिखित शर्तों के अध्यधीन प्रदान किया जा सकता है:
(क) कोई आसवक बोतल में मरी गई स्प्रिंट के लेबलों पर आबकारी आयुक्त का अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात अपना ब्राण्ड नाम लिखने का हकदार होगा;
(ख) आबकारी आयुक्त की विशेष अनुझा के अधीन के सिवाय और उसके अनुसार रंगना समिश्रण करण (ब्लेडिंग), सुवासित करना या तीव्रतावरोह करना निषिद्ध होगा।