संचलन नियम-3
नियम-3- मंदिरा संचलन के लिये दस्तावेज-
(1) किसी भी मदिरा की ऐसी मात्रा, जिसे राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा या तो सामान्यतया सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के लिये या उसमें समाविष्ट किसी स्थानीय क्षेत्र के लिये विहित करे से अधिक मात्रा में इस नियमावली में यथाविनिर्दिष्ट ई-दस्तावेज
के सिवाय संचलन नहीं किया जायेगा । प्रतिबन्ध यह है कि ऐसे किसी दस्तावेज की अपेक्षा नहीं की जायेगी जहां संचलन की गयी मंदिरा की मात्रा अनुसूची-(क) एवं अनुसूची (ख) में यथाविनिर्दिष्ट
मदिरा की मात्रा से अधिक न हो।
(2) उपनियम (1) के अधीन दस्तावेज डाउनलोड करने के लिए पोर्टल पर प्रत्येक आसवनी एवं परिवाहक को रजिस्ट्रीकरण कराना अनिवार्य होगा रजिस्ट्रीकरण
हेतु प्रत्येक आवेदन ऑनलाइन ई-दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण प्रपत्र में किया जाएगा।
(3) प्रत्येक ई-दस्तावेज जनरेट करने हेतु पोर्टल पर घोषणा करना अनिवार्य होगा। ऑनलाइन आवेदन के साथ निर्यात / आयात / परिवहन करने वाले राज्य के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किये गये आसवक / निर्यात / आयात / परिवहन के परमिट अथवा पासेज का विवरण भरना अनिवार्य होगा।
(4) प्रत्येक प्रवहण के साथ उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय सीमान्तर्गत मदिरा संचलन के दौरान ऑनलाइन जनरेट किया गया ई-दस्तावेज रखना अनिवार्य होगा तथा जिसे
अंतर्रुद्धकर्ता / निरीक्षणकर्ता प्राधिकारी द्वारा मांगे जाने पर प्रस्तुत करना होगा।
(5) किसी दुर्घटना या प्रवहरण में किसी खराबी की स्थिति में अथवा अन्य किसी अपरिहार्य कारणों से यदि उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर परेषण को अन्य किसी प्रवहरण में स्थानान्तरित कर यानान्तरण किया जाना अत्यावश्यक हो तो परिवाहक अथवा प्रवहण आपरेटर को तत्काल सम्बन्धित पुलिस थाना और क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक को सूचित करना होगा। क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक, परेषण का भौतिक सत्यापन कर परिवाहक अथवा प्रवहण आपरेटर द्वारा उपलब्ध कराये गये अन्य प्रवहरण में परेषण की लोडिंग सुनिश्चित करेगा तथा निर्यात पास पर सत्यापन रिपोर्ट पृष्ठांकित करेगा। उसी समय क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक, जिला आबकारी अधिकारी के माध्यम से "परिवर्तित प्रवहण संचलन प्रपत्र में विवरण इस प्रयोजनार्थ पोर्टल पर बनाये गये वेब पेज पर अपलोड करेगा।
(6) उत्तर प्रदेश राज्य और उत्तर प्रदेश के क्षेत्र से बाहर स्थित समस्त आसवनियां / यवासनियां, मंदिरा का परेषण इलेक्ट्रानिक युक्ति (आर.एफ.आई.डी. / फास्ट टैग आदि) से युक्त प्रवहण द्वारा अनिवार्य रूप से प्रेषित करेंगी, जैसा कि आबकारी आयुक्त द्वारा समय-समय पर विहित किया जाय आसवनियां / यवासनियां, मदिरा के परेषण का वहन करने वाले प्रवहण का अनुश्रवण करने हेतु नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंगी तथा आबकारी विभाग, उत्तर प्रदेश को विभाग के पोर्टल पर विवरण उपलब्ध करायेंगी।
(7) उत्तर प्रदेश राज्य की प्रादेशिक सीमा के भीतर ई-दस्तावेज की विधिमान्यता नीचे सारिणी में यथाउल्लिखित है-
राज्य में प्रवेश /। —- ई-दस्तावेज
यात्रा प्रारंभ करने के - की विधिमान्यता
स्थान से —- अवधि
राज्य से निकासी /
गंतव्य स्थान
के मध्य की दूरी
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1- 0 से 300 किमी -01 दिन(24 घण्टे)
2-301 से 500 किमी-02 दिन
3-501 से1000 किमी- 04 दिन
4-1000 से 1500 किमी-06 दिन
5-1500 से 2000 किमी- 08 दिन
6-2000 किमी से अधिक -10 दिन
यदि किसी अत्यावश्यकता के कारण किसी की स्लैब की ऊपर यथावर्णित विधिमान्यता अवधि प्रवहण के प्रादेशिक सीमा में प्रवेश करने के पश्चात् किन्तु राज्य से बाहर जाने से पूर्व समाप्त हो जाती है, अथवा राज्य के क्षेत्र में प्रविष्टि हो जाने के पश्चात विधिमान्यता अवधि पर्याप्त न रह जाने के कारण प्रश्नगत प्रवहण नियत समय के भीतर निकास स्थान तक पहुंचने में विफल रहता है, तो ऐसी परिस्थितियों में परिवाहक, विधिमान्यता अवधि समाप्त होने के कारण का उल्लेख करते हुये साक्ष्य सहित लिखित रूप में तथा एस.एम.एस. के माध्यम से आवेदन पत्र मार्ग में पड़ने वाले जिला के जिला आबकारी अधिकारी के समक्ष विधिमान्यता अवधि बढ़ाये जाने हेतु प्रस्तुत करेगा सबंधित जिला आबकारी अधिकारी, आवेदन पत्र प्रस्तुतीकरण के दिनांक को अथवा अनुवर्ती दिनांक को उसकी संवीक्षा करने के पश्चात प्रत्येक दशा में उस सीमा तक ई-दस्तावेज पर विधिमान्यता अवधि बढ़ायेगा जैसा कि पूर्वोक्त सारणी की स्लैब, जिसमें प्रवेश स्थान से निकास स्थान की दूरी संख्यांकित है, द्वारा अनुष्यात है। उक्त विस्तार का कारण पूर्वोक्त ई-दस्तावेज पर अभिलिखित किया जायेगा तथा उसे ई-दस्तावेज के विवरण से सम्बन्धित पोर्टल पर दर्ज किया जायेगा।
(8) ई-दस्तवेज के अधीन अभिवहन की जा रही मंदिरा की सम्पूर्ण या आंशिक बिक्री, उत्तर प्रदेश राज्य में किसी भी दशा में नहीं की जाएगी। संचलन में मदिरा का विक्रय किये जाने अथवा यानों के नम्बर प्लेटों को परिवर्तित किये जाने के फलस्वरूप यान जब्त कर लिया जायेगा और परिवहन यान स्वामी को काली सूची में डाल दिया जायेगा।
(9) मदिरा की सम्पूर्ण मात्रा का संचलन एक परेषण में किया जायेगा, उसे संचलन के दौरान खोला नहीं जायेगा और परेषण का संचलन ई-दस्तावेज में विनिर्दिष्ट मार्ग से पथान्तरित नहीं किया जायेगा जिसका व्यतिक्रमण किये जाने पर प्रचलित नियमावली के अधीन कार्यवाही की जायेगी।
(10) परेषण के संचलन हेतु ई दस्तावेज का एक बार से अधिक प्रवचन तथा कपटपूर्ण उपयोग में अन्तर्ग्रस्त पाया जाने वाला कोई व्यक्ति प्रचलित नियमावली के अधीन दाण्डिक कार्यवाही का दायी होगा।
(11) संचलन में मंदिरा की मात्रा समय-समय पर यथाविहित परिवहन विभाग उत्तर प्रदेश के उपबन्धों के अनुसार होगी।