विशिष्टतया विकृत स्प्रिट नियम-4. सामान्य शर्तें-


औद्योगिक प्रयोजनों के लिए विकृत स्प्रिट रखने के लिये समस्त लाइसेंसधारी व्यक्तियों पर निम्नलिखित सामान्य शर्ते बन्धनकारी होंगी
(1) लाइसेंसधारी अपने लाइसेंस के सम्बन्ध में प्रयोज्य संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910 के समस्त नियमों तथा अपने लाइसेंस की सामान्य और विशिष्ट शर्तों का अनुपालन करने के लिए बाध्य होगा।
(2) लाइसेंसधारी यदि आबकारी आयुक्त द्वारा अपेक्षा की जाय, लाइसेंस स्वीकृत किए जाने के पूर्व अथवा अपने लाइसेंस जारी रहने के दौरान किसी भी समय लाइसेंस की शर्तों तथा निबन्धनों को समुचित रूप से पालन करने के लिए कलेक्टर के पास नकद अथवा सरकारी प्रोनोट या राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के रूप में ऐसी धनराशि, जी आबकारी आयुक्त द्वारा विहित की जाय, प्रतिभूति के रूप में जमा करेगा। लाइसेंस की शर्तों तथा निबन्धनों का अनुपालन न करने की दशा में इस प्रकार जमा की गई प्रतिभूति लाइसेंसधारी को स्पष्टीकरण का समुचित अवसर दिए जाने के पश्चात् सरकार के पास समपहृत हो जाएगी और उन अन्य शास्तियों के अतिरिक्त जिनकी व्यवस्था विधि के अधीन की जाय, उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
(3) लाइसेंस लाइसेंसधारी को व्यक्तिगत रूप से स्वीकृत अथवा नवीकृत किया गया समझा जाएगा और आबकारी आयुक्त को पूर्व अनुज्ञा के बिना उसे न अन्तरित किया जायेगा या पट्टे पर दिया जायेगा अथवा बेचा जायेगा।
(4) लाइसेंसधारी आबकारी आयुक्त की पूर्व अनुज्ञा के बिना उस भू-गृहादि को जिसमें यह लाइसेंस के अधीन अपना व्यापार चलाता है, नहीं बदलेगा तथा यह तथ्य को कलेक्टर अथवा उसके द्वारा तदर्थ यथाविधि सशक्त किसी अधिकारी द्वारा लाइसेंस पर अंकित किया जायेगा और इसकी सूचना आबकारी आयुक्त को दी जायगी।
(5) यदि लाइसेंसधारी लाइसेंस के अन्तर्गत आने वाले व्यापार के सम्बन्ध में भागीदारी करना चाहता है तो वह केवल आबकारी आयुक्त की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात् ही ऐसा करेगा और इसके लिए उसका लाइसेंस उचित रूप से संशोधित कर दिया जाएगा। जहाँ भागीदारी की गई हो वहाँ भागीदार तथा लाइसेंस का मूल धारक दोनों ही लाइसेंस की शर्तों का अनुपालन करने के लिए बाध्य होंगे।
(6) यदि कोई भागीदारी विघटित हो जाय तो विघटन के तथ्य को आबकारी आयुक्त को समस्त विघटित भागीदारों द्वारा तीन दिन के भीतर संदिष्ट किया जायेगा।
(7) यदि लाइसेंसधारी व्यापार चलाने में असमर्थ हो जाय अथवा उसकी मृत्यु हो जाय या वह दिवालिया हो जाय अथवा किसी फर्म, कम्पनी अथवा व्यक्तियों को अन्य संस्था की दशा में यदि वह समाप्त हो जाय तो आबकारी आयुक्त-
1. या तो लाइसेंस को रद्द कर सकता है, अथवा
2. उसे लाइसेंसधारी के विधिक प्रतिनिधियों, यदि कोई हो, के नाम जारी रख सकता है।

(8) यदि लाइसेंसधारी व्यापार बन्द कर दे तो वह विकृत स्प्रिट के अपने स्टाक को ऐसी रीति से निस्तारित करेगा जैसा आबकारी आयुक्त निर्देश दें।
(9) लाइसेंसधारी, लाइसेंस के अधीन प्राप्त की गयी स्प्रिट के किसी परिमाण को ना तो बेचेगा, या न उसे भेंट के रूप में या अन्यथा रूप में किसी को देगा या न लाइसेंस में उल्लिखित प्रयोजनों से भिन्न प्रयोजनों के लिये उसका उपयोग करेगा
परन्तु यह कि पेट्रोल में विकृत पावर अल्कोहल के मिश्रण हेतु पेट्रोलियम डिपो को जारी किये जाने वाले एफ0एल0-41 लाइसेंस का धारक, अन्य राज्यों में स्थित अपनी कम्पनी के तेल डिपो को, निर्यात नियमों के अधीन विहित निबंधनों और शर्तों के अनुसार, विकृत पावर अल्कोहल का निर्यात, रेल वैगन के माध्यम से कर सकता है।
परन्तु यह और कि एफ0एल0-41 लाइसेंसधारी रेल वैगन के माध्यम से निर्यात किये जाने वाले ऐसे प्रत्येक परेषण हेतु पी0डी0-25 प्रपत्र में परिवहन पास जारी करेगा जिसकी एक प्रति संबंधित जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत की जायेगी। प्रत्येक निर्यात हेतु विहित निर्यात पास फीस अग्रिम रूप से संदत्त होगी।
(10) आबकारी आयुक्त की लिखित स्वीकृति के बिना स्प्रिट लाइसेंस प्राप्त भू-गृहादि से हटाई न जाएगी।
(11) स्प्रिट को मानव उपभोग के उपयुक्त बनाने के लिए लाइसेंसधारी द्वारा किया गया कोई भी प्रयास उन शास्तियों के अतिरिक्त जो संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम के अधीन आरोपित की जाय, उसके लाइसेंस को रद्द किए जाने योग्य बना देगा। यदि स्प्रिट को अपर्याप्त रूप में विकृत किया जाय तो निरीक्षण अधिकारी प्रश्नगत स्प्रिट को जब्त कर सकता है
(12) प्रत्येक ऐसी बोतल, मर्तवान, लकड़ी के पीपे (कास्क) अथवा अन्य बर्तन पर जिनमें स्प्रिट भरी हो और जो लाइसेंस प्राप्त भू-गृहादि में संग्रहण के लिए रखी हो, लाल रंग से छपा हुआ एक लेबिल जिस पर हिन्दी तथा अंग्रेजी में चेतावनी छपी होगी और एक खोपड़ी और आड़ी-आड़ी रखी हुई दो अस्थियां बनी होगी, चिपकाया जायेगा। लेबिल की डिजाइन और बनावट वही होगी जैसा कि आबकारी आयुक्त अनुमोदित करें ।
(13) लाइसेंसधारी अपने द्वारा चलाये जाने वाले व्यापार के लिए विहित किए गए रजिस्टरों को रखेगा और अपने लाइसेंस की समाप्ति पर एक वैध रसीद प्राप्त करके अपने जिले के जिला आबकारी अधिकारी को दे देगा। लाइसेंसधारी विहित की गई समस्त विवरणियां ठीक समय पर प्रस्तुत करेगा और दिन प्रतिदिन के लेनदेन का लेखा रोशनाई से लिखेगा।
(14) लाइसेंसधारी किसी भी समय अपना लाइसेंस और लेखा आबकारी विभाग के किसी ऐसे अधिकारी द्वारा जो निरीक्षक से नीचे के पद का न हो, मांगे जाने पर उसे निरीक्षणार्थ प्रस्तुत करेगा और अपने लाइसेंस, रजिस्टरों, परमिट अथवा पासों, स्प्रिट के कुल स्टाक, तैयार माल और भू-गृहादि का उक्त अधिकारी द्वारा निरीक्षण होने देगा।
(15) लाइसेंसधारी एक निरीक्षण पुस्तिका रखेगा, जिसके पृष्ठ क्रमानुसार संख्यांकित होंगे और उसे आबकारी विभाग के किसी ऐसे अधिकारी द्वारा जो निरीक्षक से नीचे पद का न हो, मांगे जाने पर देगा। लाइसेंसधारी को दिया गया कोई भी दण्ड अथवा चेतावनी बिना उनके लाइसेंस की जब्ती अथवा रद्द किये, उस पुस्तिका में अभिलिखित की जायगी।