विशिष्टतया विकृत स्प्रिट नियम 5. विशेष शर्ते-


वि० म० 39, वि० म० 40 तथा वि० म० 41 का लाइसेंस उपर्युक्त नियमों में दी गई शर्तों के अतिरिक्त निम्नलिखित विशेष शर्तों के अधीन होगा।
(1) प्रपत्र वि० म० 39 में लाइसेंस:-
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(क) प्रयुक्त स्प्रिट में राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित विकर्ता पदार्थ मिला होगा और विकर्ता पदार्थ उसी अनुपात में होगा, जिस अनुपात में वह राज्य सरकार द्वारा विहित किया जाय।
(ख) जारी किये जाने के लिए अनुमति स्प्रिट का परिमाण किसी भी वर्ष में................. .. लीटर से अधिक न होगा।

(ग) स्प्रिट, उत्तर प्रदेश में स्थित किसी आसवनी से प्राप्त किया जायेगा परन्तु यह कि विशिष्टतया विकृत स्प्रिट का आयात अन्य राज्य अथवा देश से किया जा सकता है।

(घ) स्प्रिट आबकारी आयुक्त द्वारा अनुमोदित माप कुण्ड (गेज्ड वैट) अथवा अन्य बर्तन में संग्रहीत की जायेगी। ऐसे समस्त पात्रों पर स्पष्ट क्रम संख्या दी होगी और उनकी पूरी क्षमता स्पष्ट तथा सुबोध रूप में उनके ऊपर अंकित की जायेगी।

(ङ) स्प्रिट एक अलग कमरे में संग्रहीत की जायगी जिसे स्प्रिट स्टोर कहा जायेगा। स्प्रिट स्टोर की खिड़कियों पर धातावर्ध्य (मैलेबल) लोहे की छड़, जिसकी मोटाई दो सेंटी मीटर से कम न हो, इस प्रकार लगायी जायेगी कि एक दूसरे से अधिक से अधिक 10 सेंटी मीटर की दूरी पर उनका प्रत्येक छोर ईंट की चिनाई की भीतर कम से कम 5 सेंटी. मीटर तक दबी रहे। प्रत्येक खिड़की के भीतरी भाग में छड़ों से मजबूती से बंधी हुई तार की सुदृढ़ जाली लगाई जायेगी, जिसका छिद्र कम से कम 2 सेंटी मीटर व्यास का होगा। स्प्रिट स्टोर में केवल एक प्रवेश मार्ग होगा, और उसके प्रत्येक कक्ष में एक दरवाजा होगा। ये समस्त दरवाजे आबकारी निरीक्षक की अनुपस्थिति के दौरान एक्साइज टिकटलाक द्वारा सुरक्षित रहेंगे।
आबकारी आयुक्त के पूर्व आदेश के बिना स्प्रिट स्टोर के भूगृहादि में अथवा उसके स्थायी फिक्सचर के सम्बन्ध में कोई परिवर्धन अथवा परिवर्तन नहीं किया जायेगा। स्प्रिट स्टोर केवल प्रभारी आबकारी अधिकारी की उपस्थिति में खोला तथा बन्द किया जायेगा।

टिप्पणी- किसी विशेष उद्योग की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए आबकारी आयुक्त किसी लाइसेंस को इस नियम के प्रवर्तन से पूर्णतः अथवा अंशतः मुक्त कर सकता है।

(च) कोई स्प्रिट आबकारी अधिकारी द्वारा यथा विधि प्राधिकृत व्यक्ति से भिन्न किसी व्यक्ति द्वारा भृगृहादि के बाहर नहीं ले जाई जायेगी।

(छ) संग्रहण कुण्ड से हटायी जाने वाली स्प्रिट के प्रत्येक परिमाण के लिए आवेदन पत्र लिखित रूप में प्रभारी आबकारी अधिकारी को प्रस्तुत किया जायेगा जो एक विहित रजिस्टर में दिन प्रतिदिन जारी किये गये परिमाण को अभिलिखित करेगा।

(ज) लाइसेंसधारी, आसवनी से प्राप्त संग्रहण कुण्ड में संगृहीत निर्माण में प्रयुक्त तथा स्टाक में बची हुई में विशिष्टतया विकृत स्प्रिट का आयतन लेखा दिन की समाप्ति पर आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश द्वारा विहित प्रपत्र वि० म० 42 यथा रीति से रखेगा।

(झ) लाइसेंसधारी लाइसेंस के दिनांक की समाप्ति से कम से कम एक मास पूर्व जिले से सम्बद्ध जिले के कलेक्टर के माध्यम से आबकारी आयुक्त को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र देगा।

(ञ) प्रभारी आबकारी निरीक्षक द्वारा स्टाक का सत्यापन किये जाने के पश्चात् प्रत्येक कलेण्डर माह के अन्तिम कार्य दिवस को पाये गये विकृत स्प्रिट के 1.5 प्रतिशत से अधिक संग्रहण छीजन संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, 1910 की धारा 64 के अधीन अपराध होगा और धारा 74 के अधीन दण्डनीय होगा।

(ट) किसी पदार्थ के निर्माणार्थ उत्तर प्रदेश की किसी आसवनी से प्राप्त की गई विशिष्ट तथा विकृत स्प्रिट के निकासी पर राज्य सरकार द्वारा प्रति लीटर विहित दर पर फीस अदा करेगा।

(ठ) आसवनी से विशिष्ट तथा विकृत स्प्रिट जारी किये जाने से पूर्व आसवनी के प्रभारी आबकारी निरीक्षक द्वारा लाइसेंसधारी से वसूल की जायेगी और उसे शीर्षक '039-3 राज्य आबकारी शुल्क वाणिज्यीय प्रासव से प्राप्तियों" के अधीन कोषागार में जमा की जायगी।

(ड) पर्यवेक्षण के लिये आवश्यक आबकारी कर्मचारियों की संख्या आबकारी आयुक्त द्वारा निश्चित की जायगी और उसका निर्णय लाइसेंसधारी पर बन्धनकारी होगा। लाइसेंसधारी अनुज्ञप्त परिसर के समीप आबकारी आयुक्त के सन्तोषानुसार प्रभारी अधिकारी के लिए कार्यालय फर्नीचर सहित कार्यालय तथा आबकारी स्टाफ के लिए उपयुक्त क्वार्टरो की व्यवस्था करेगा। लाइसेंसधारी क्वार्टरो तथा उनकी साज-सज्जा की मरम्मत के लिए बाध्य होगा और उसमें रहने वाले अधिकारियों द्वारा प्रयोग अथवा उपभोग करने में व्यवधान उत्पन्न नहीं करेगा और न परेशान करेगा। स्थान की पर्याप्तता के सम्बन्ध में विवाद उत्पन्न होने की दशा में मामला आबकारी आयुक्त को सन्दर्भित किया जायगा जिसका निर्णय अन्तिम तथा लाइसेंसधारी पर बाध्यकारी होगा।

(ढ) लाइसेंस धारी प्रभारी आबकारी अधिकारी को एक सूची देगा जिसमें उसके द्वारा सेवायोजित प्रबन्धक तथा अन्य कर्मचारियों और ऐसे अन्य समस्त कर्मचारियों के नाम होंगे जिनके कर्तव्यों में स्प्रिट स्टोर में प्रवेश करना अपेक्षित हो। वह किसी भी परिवर्तन की सूचना जिसे वह समय-समय पर सूची में करना चाहे, सम्बद्ध आबकारी निरीक्षक को तुरन्त देगा।

(ण) लाइसेन्सधारी अपने पास निम्नलिखित रजिस्टर दो प्रतियों में रखेगा-
(क) अल्कोहल के मांग-पत्र के लिये रजिस्टर।
(ख) स्प्रिट स्टोर में लेन-देन का रजिस्टर जिसमें स्प्रिट की प्राप्ति अथवा व्ययन दिखलाया जायेगा।
(ग) निर्माणशाला में होने वाली क्रियाओं का रजिस्टर जिसमें प्रत्येक वस्तु का निर्माण, उत्पादित वस्तुओं की कुल परिमाण तथा प्रति लीटर स्प्रिट की मात्रा, यदि कोई हो, दिखलाई जायेगी।
(घ) समस्त रजिस्टर तथा प्रपत्र जिन्हें आबकारी आयुक्त, विहित करें, लाइसेन्सधारी द्वारा निःशुल्क क्रियाओं का पर्यवेक्षण करने के लिए सम्बद्ध आबकारी निरीक्षक को दिये जायेंगे।
(ङ) वह निर्माणशाला के लेन-देन का प्रतिदिन का लेखा रखेगा।

(2) प्रपत्र वि० म० 40 में लाइसेन्स :-
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(क) प्रयुक्त स्प्रिट में राज्य सरकार द्वारा उद्योग के लिये अनुमोदित विकृतिकारक पदार्थ अन्तर्विष्ट होंगे। वह उत्तर प्रदेश में स्थित किसी आसवनी से प्राप्त किया जायेगा परन्तु यह कि विशिष्टतया विकृत स्प्रिट का आयात अन्य राज्य या देश से किया जा सकता है।

(ख) लाइसेन्स प्राप्त भू-गृहादि में संग्रहीत स्प्रिट किसी भी समय... . बल्क लिटर से अधिक न होगा।

(ग) किसी एक वर्ष में प्रयोग के लिये अनुमत परिमाण....... . बल्क लीटर से अधिक न होगा।

(घ) स्प्रिट को प्राप्त करने की एक क्रिया का सम्पूर्ण उत्पाद एक रिसीवर में एकत्र किया जायगा और प्राप्त की गई सम्पूर्ण स्प्रिट का प्रयोग आगामी अनुवर्ती विनिर्माण में किया जायगा तथा प्राप्त स्प्रिट को अलग-अलग भागों अथवा अंशों में एकत्र करने का कोई प्रयास नहीं किया
जायगा।

(ङ) वाष्पक से संलग्न स्प्रिट वाष्प पाइप दरित्रा (कन्डेन्सर) से मजबूती से संलग्न होगा और प्राप्त की गई स्प्रिट एक बन्द मुख्य पाइप से होकर जायेगी जो क्रमशः धारित्र (कन्डेंसर) तथा रिसीवर के आवरण से जुड़ा या रिवेट किया गया होगा और जो रिसीवर के पेंदी तक लगभग पहुंचता रहेगा।

(च) किसी स्प्रिट नमूना पाइप का रन्ध्र (आरिफिस) व्यास में सेन्टीमीटर के आठवें भाग से अधिक न होगा।

(छ) रिसीवर का ढक्कन और उसकी उन्मोचन ढिबरी (जिस्चार्ज काक) ताले में बन्द होगी जिसे उस समय जब स्प्रिट पात्र में जा रही हो तथा अन्य सभी समय पर जब उसमें स्प्रिट हो, मजबूती से बन्द रखा जायेगा ।

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