2-परिशिष्ट -“क” में वर्णित व्यवस्था -1-अस्पताल-के संदर्भ में


संस्था का नाम -1-अस्पताल-
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-श्रेणी-1-स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान
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-माँग पत्र देने वाला अधिकारी -निदेशक आयुर्विज्ञान संस्थान
-माँग पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर करने वाला अधिकारी- - - -
-माँग पत्र को जॉंच कर संस्तुति देने वाला अधिकारी-ज़िला आबकारी अधिकारी
संयुक्त आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव - 4000
विशुद्ध मद्यसार -1000
उप आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव - -
विशुद्ध मद्यसार - -

-श्रेणी-2-मेडिकल कालेज
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-माँग पत्र देने वाला अधिकारी -प्रिंसिपल
-माँग पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर करने वाला अधिकारी- - - -
-माँग पत्र को जॉंच कर संस्तुति देने वाला अधिकारी-ज़िला आबकारी अधिकारी
संयुक्त आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव - 1800
विशुद्ध मद्यसार -600
उप आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव - -
विशुद्ध मद्यसार - -

-श्रेणी-3-सरकारी अस्पताल
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-माँग पत्र देने वाला अधिकारी -मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
-माँग पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर करने वाला अधिकारी- - - -
-माँग पत्र को जॉंच कर संस्तुति देने वाला अधिकारी-ज़िला आबकारी अधिकारी
संयुक्त आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव - 600
विशुद्ध मद्यसार -120
उप आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव - -
विशुद्ध मद्यसार - -

श्रेणी-4-ग़ैर सरकारी अस्पताल -
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माँग पत्र देने वाला अधिकारी -प्रभारी चिकित्साधिकारी
माँग पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर करने वाला अधिकारी- सीएमओ द्वारा प्रमाणित करने पर कि अस्पताल धर्मार्थ है ।
माँग पत्र को जॉंच कर संस्तुति देने वाला अधिकारी-ज़िला आबकारी अधिकारी
संयुक्त आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव -
विशुद्ध मद्यसार -
उप आबकारी आयुक्त द्वारा एक वर्ष में निःशुल्क दी जाने वाली अधिकतम मात्रा (लीटर में) -
सुरासव - - 300
विशुद्ध मद्यसार - -24