फुटकर बीयर नियम-8- आवेदकों के लिए पात्रता की शर्ते-
फुटकर बीयर की बिक्री की दुकानों के लाइसेंस के लिए पात्र आवेदकों को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होगी-
(क) आवेदन, एक व्यक्ति द्वारा हो जो भारत का नागरिक हो, परन्तु नवीकरण की स्थिति में सह-आवेदक, यदि कोई हो, जो भारत का नागरिक हो, भी अनुज्ञात होगा।
भागीदार वाली फर्म अथवा कम्पनी, फुटकर लाइसेंस की स्वीकृति के लिये अर्ह नहीं होगी। इसी प्रकार थोक विक्रेता अथवा आसवनी /यवासवनी/ मदिरा/बीयर निर्माता भी किसी प्रकार की फुटकर दुकान का लाइसेंस धारण करने के लिये पात्र नहीं होगा।
दुकान के आवंटन के पश्चात् आवेदक की स्थिति में कोई परिवर्तन अनुमन्य न होगा, लाइसेंसधारी की मृत्यु की दशा में लाइसेंसधारी द्वारा दिये गये नामनिर्देशन शपथ पत्र (यदि कोई हो) के अनुसार विधिक वारिसों/परिवार के सदस्यों / निकट सम्बन्धियों, के नाम, यदि अन्यथा अपात्र न हों, लाइसेंस की शेष अवधि के लिए लाइसेंसधारक बने रहने के लिये नामनिर्देशन शपथ पत्र में उल्लिखित वरीयता के अनुसार विचारित किये जायेंगे:
परन्तु मृतक लाइसेंसधारी के नामनिर्देशन शपथ पत्र की अनुपलब्धता की स्थिति में उसका विधिक वारिस लाइसेंस की शेष अवधि के लिए लाइसेंसधारक बना रह सकता है:
परन्तु यह और कि यदि संयुक्त रूप से दो व्यक्तियों द्वारा लाइसेंस प्राप्त किया गया हो, तो किसी एक व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में जीवित व्यक्ति एवं उपर्युक्तानुसार चयनित मृत लाइसेंसधारी का विधिक वारिस अथवा नामनिर्देशिती, यदि अन्यथा पात्र हों, लाइसेंस की धारिता को जारी रख सकता है। दो व्यक्तियों के वैधानिक उत्तरदायित्वों में कोई भेद नहीं किया जायेगा जो संयुक्त रूप से और अलग-अलग उत्तरदायी होंगे ।
(ख) आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने के लिये नियत अवधि के प्रथम दिवस पर इक्कीस वर्ष की आयु से अधिक हो ।
(ग) व्यतिक्रमी / काली सूची वाला न हो या अधिनियम या तद्धीन बनाई गयी नियमावली के उपबन्धों के अधीन आबकारी लाइसेंस धारण करने से विवर्जित न किया गया हो। कोई व्यक्ति, जो किसी आबकारी अपराध के लिए दोषसिद्ध पाया गया हो, लाइसेंस धारण करने से स्वतः विवर्जित हो जायेगा जब तक कि उसे सक्षम न्यायालय द्वारा पूर्णतः और अन्तिम रूप से दोषमुक्त न कर दिया गया हो।
(गग) आवेदनकर्ता, किसी एक दुकान के लिए स्वयं के नाम से मात्र एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए पात्र होगा। परन्तु नवीकरण की स्थिति में आवेदक एवं सह- आवेदक दोनों पात्र होंगे तथा नवीकरण हेतु उनकी पारस्परिक सहमति आवश्यक होगी।
(घ) निम्नलिखित के प्रमाण स्वरूप पब्लिक नोटरी द्वारा सम्यक रुप से सत्यापित शपथपत्र प्रस्तुत करेगाः-
(एक) यह कि उसके पास समय-समय पर यथा संशोधित उत्तर प्रदेश आबकारी दुकानों की संख्या एवं स्थिति नियमावली, 1968 के उपबंधों के अनुसार उस स्थान पर दुकान खोलने हेतु उपयुक्त परिसर है अथवा उसने किराए पर उस स्थान पर उपयुक्त परिसर का प्रबन्ध किया है।
(दो) यह कि उसकी दुकान के प्रस्तावित परिसर के निर्माण में किसी विधि अथवा नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
(तीन) यह कि उसका एवं उसके परिवार के सदस्यों का नैतिक चरित्र अच्छा है और उनकी कोई अपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, 1910 या स्वापक ओषधि एवं मनःप्रभावी अधिनियम 1985 के अधीन दण्डनीय किसी अपराध या किसी अन्य संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध के लिए दोषसिद्ध न किया गया हो।
(चार) यह कि लाइसेंसधारी के रूप में उसके चयनित हो जाने की दशा में जिला, जहाँ का वह निवासी है, के जिला कलक्टर या सम्बन्धित जिला के पुलिस अधीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या सम्बन्धित पुलिस कमिश्नरी के पुलिस आयुक्त द्वारा नामनिर्दिष्ट, सहायक पुलिस आयुक्त की रैंक से अनिम्न अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र यह दर्शाते हुए प्रस्तुत करना होगा कि लाइसेंस जारी होने के पूर्व उसका एवं उसके परिवार के सदस्यों का नैतिक चरित्र अच्छा है एवं उनकी कोई अपराधिक पृष्ठभूमि या आपराधिक अभिलेख नहीं है।
(पाँच) यह कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को बिक्रीकर्ता या प्रतिनिधि के रूप में नियोजित नहीं करेगा, जिसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि होगी, जैसा कि खण्ड-तीन में उल्लिखित है या जो किसी संक्रामक रोग से ग्रसित हो या 21 वर्ष से कम आयु का हो या महिला हो। लाइसेंसधारी जिला आबकारी अधिकारी से राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर यथाविहित फीस के संदाय के उपरान्त प्राधिकृत बिक्रेता/प्राधिकृत प्रतिनिधि का फोटोयुक्त नौकरनामा प्राप्त करेगा।
(छः) यह कि उस पर किसी सार्वजनिक देयों या सरकारी देयों का बकाया नहीं है।
(सात) यह कि वह ऋणशोधक्षम है और आवश्यक निधि रखता है या उसने कारोबार के संचालन के लिए आवश्यक निधि का प्रबन्ध कर लिया है, जिसका ब्योरा, यदि अपेक्षित होगा, लाइसेंस प्राधिकारी को उपलब्ध करा देगा।
(आठ) यह कि आवेदक माफिया गतिविधियों, असामाजिक गतिविधियों एवं संगठित अपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं है। यदि लाइसेंस प्राप्त हो जाने के उपरान्त यह प्रमाणित हो जाता है कि वह माफिया गतिविधियों, असामाजिक गतिविधियों एवं संगठित अपराधिक गतिविधियों में लिप्त है तो उसे आवंटित किया गया लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा।
(नौ) यह कि आवेदक बार काउसिंल में रजिस्ट्रीकृत अधिवक्ता नहीं है। यदि लाइसेंस प्राप्त कर लेने पर उसे बार काउसिंल में रजिस्ट्रीकृत अधिवक्ता पाया जाता है तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा। राज्य सरकार का कर्मचारी भी लाइसेंस स्वीकृति हेतु आवेदन करने के लिये अपात्र होगा।
(दस) यह कि लाइसेंसधारी के रुप में चयन हो जाने की स्थिति में चयन के 48 घंटे के भीतर धरोहर धनराशि का बैंक ड्रॉफ्ट, जिसे आन-लाइन आवेदन के साथ अपलोड किया गया है, को जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में जमा करा देगा।
(ग्यारह) यह कि उसने धरोहर धनराशि के बैंक ड्राफ्ट का प्रयोग इस चरण में किसी अन्य दुकान हेतु आवेदन में नही किया है।
(ङ) आवेदक द्वारा राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से आबकारी आयुक्त द्वारा यथा निर्धारित धरोहर धनराशि का बैंक ड्रॉफ्ट जो सम्बन्धित दुकान के जिला के जिला आबकारी अधिकारी के पक्ष में जारी हो, की स्कैन प्रति आनलाइन आवेदन के साथ अपलोड किया जायेगा।
लाइसेंसधारी के रूप में चयन हो जाने की स्थिति में, धरोहर धनराशि के बैंक ड्राफ्ट, चयन के पश्चात् अड़तालीस घंटे के भीतर सम्बन्धित जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा जिसे दुकान की सभी देयताओं के भुगतान के उपरान्त वापस कर दिया जायेगा।
(च) आवेदक ऋणशोधन क्षमता प्रमाण पत्र या प्राधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा निर्गत सम्पत्ति स्वामित्व प्रमाण- पत्र का धारक हो तथा उसकी ऋणशोधन क्षमता या प्राधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा निर्गत सम्पति स्वामित्व प्रमाण पत्र की मालियत जिला में आवेदित दुकान का लाइसेंस प्रदान करने के लिए अवधारित लाइसेंस शुल्क की धनराशि से कम नही होगी:
परन्तु नवीकरण की स्थिति में गत वर्ष के व्यवस्थापन के दौरान प्रस्तुत किया गया ऋणशोधन क्षमता प्रमाण पत्र अथवा किसी प्राधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा जारी सम्पत्ति स्वामित्व प्रमाण-पत्र, यदि विधिमान्य है एवं अपेक्षित धनराशि के लिए है, प्रतिग्राहय होगा।