द्राक्षासवनी नियम-25- वाइन का क्रय और विक्रय-


1) द्राक्षासवक द्वारा केवल बोतलों में भरी हुयी वाइन का विक्रय किया जायेगा। बोतलों में भरी हुयी किसी वाइन का विक्रय तब तक नहीं किया जायेगा जब तक कि आबकारी आयुक्त द्वारा इसका अधिकतम फुटकर मूल्य अनुमोदित न कर दिया जाय। द्राक्षासवक बोतलों में भरी हुयी वाइन का विक्रय राज्य के थोक विक्रेताओं जैसा कि उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा विहित किया जाय, को समस्त लागू शुल्क जमा करने के पश्चात् कर सकता है। ऐसे समस्त विक्रय द्राक्षासवक द्वारा वि०म० 36 प्रपत्र में जारी किये गये पास से आच्छादित होंगे:
परन्तु यह कि द्राक्षासवक उत्तर प्रदेश के बाहर के व्यापारियों जो सम्बन्धित राज्य अथवा संघ राज्य क्षेत्र के आबकारी विभाग से निर्गत विधिमान्य आयात परमिट के धारक हों, को समय-समय पर यथा संशोधित सुसंगत नियमों के अनुसार अपनी वाइन का निर्यात कर सकता है:
परन्तु यह और कि द्राक्षासवक अपने द्राक्षासवनी परिसर में आबकारी वर्ष या उसके भाग हेतु जिसके लिये लाइसेंस विहित सीमा के अधीन दिया गया है, अग्रिम रूप से संदेय 50,000 रूपये (पचास हजार रूपये मात्र ) की लाइसेंस फीस जमा करने के पश्चात वाइन की फुटकर बिक्री कर सकता है। भू-गृहादि पर विक्रीत वाइन के उपभोग की अनुमति द्राक्षासवक द्वारा दी जा सकेगी।
द्राक्षासवनी में वाइन टैवर्न की स्थापना भी की जा सकती है जिसके लिये अग्रिम रूप से संदेय फीस 2500 रूपये (पच्चीस सौ रूपये मात्र) जमा की गयी हो जो उस आबकारी वर्ष या उसके भाग के लिये जिसके निमित्त अनुमति दी जाय जहां पर वाइन प्रेमी वाइन का स्वाद ले सकते है:
परन्तु यह भी कि कोई द्राक्षासवक द्राक्षासवनी परिसर में कोई होटल नहीं खोल सकता है और यदि द्राक्षासवक द्राक्षासवनी परिसर के सन्निकट कोई होटल / रेस्तरां खोलता है तो वह अपने उत्पाद को उपभोक्ताओं को नियमित बार लाइसेंस प्राप्त किये जाने के पश्चात् ही बिक्री कर सकता है।

(2) मिश्रण के उद्देश्य से लकड़ी अथवा स्टेनलेस स्टील के पीपो में बल्क वाइन राज्य के अंदर का अंतर्द्राक्षासवनी स्थानान्तरण (विक्रय एवं क्रय) की अनुमति आबकारी आयुक्त द्वारा प्रदान की जा सकती है। बल्क वाइन का ऐसा प्रत्येक प्रेषण पी.डी.- 25 पास के अधीन होगा।